नजाने कब ये हुआ
ना किसी को खबर
ना खुद को पता
खोये-२ रहते हु यहाँ हैं
जैसे पहला नशा
वो पहली नज़र
पहला खुमार
यूं लगे मुहब्बत ही जहाँ है
कैसे समझाऊँ तुम्हें
mera pehla pehla pyar hai ye
हो॥
नाजाने कब ये हुआ
ना किसी कोई खबर ना खुद को पता
खोये खोये रहते हम यहाँ हैं
सिलसिलों का सिलसिला है हुआ शुरू
जो अब निकले भी जान
अब से हैं हम रही चाहतों क
kए जैसे पहला नशा
वो पहली नज़र
पहला खुमार
यूं लगे मोहब्बत ही जहाँ है
दोस्तो कि दोस्ती,यारों कि यारी कम लगने लगी..
बहके हैं हम ,बहका यह समां है
कैसे समझाऊं तुम्हें
मेरा पहला पहला है यह
आंखों में एतबार है यह
मेरा पहला पहला प्यार है
आंखों में एतबार है यह
हवा भी मिली थी हमें
झोंकों में पूछ रही थी
प्यार यह अगर नहीं तो फिर क्या है
ए आसमान तू भी आजकल संग चलता है
साथ ले के चांद तारे
कैसे समझाऊं तुम्हें
मेरा पहला पहला प्यार है
आंखों में एतबार है यह..
naajaane kab yeh hua
na kisi koi khabar na khud ko pata
hoye khoye rehte hum yahaan hain
silsilon ka silsila hai hua shuru
jo ab nikle bhi jaan
ab se hain hum rahi chahton ke
ke jaise pehla nasha
woh pehli nazar
pehla khumar
yun lage mohabbat hi jahaan hai
doston ki dosti,yaaron ki yaari kam lagne lagi..
behke hain hum ,behka yeh samaan hai
kaise samjhaaun tumhein
mera pehla pehla hai yeh
aankhon mein aetbar hai yeh
mera pehla pehla pyar hai
aankhon mein aetbaar hai yeh
hawa bhi mili thi humein
jhonkon mein puchh rahi thi
pyar yeh agar nahin to fir kya hai
ae aasmaan tu bhi aajkal sang chalta hai
saath le ke chand taare
kaise samjhaaun tumhein
mera pehla pehla pyar hai
aankhon mein aetbaar hai yeh..
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